तूफान की तबाही मानसून स्पेशल प्रतियोगिता हेतु रचना भाग 04 लेखनी कहानी -10-Jul-2022
सविता व रुदाली दोनौ की चिन्ता बढ़ती ही जारही थी उनको आनन्द की कोई खबर नहीं मिल रही थी। अभी भी जगह जगह पानी भरा हुआ था जगह जगह कुत्ते बिल्ली मरे हुए सड़ रहे थे।
कहीं आने जाने का कोई साधन नही था। सविता बेटी को छोड़कर भी कहीं नही जासकती थी अब उसे बुरे सपने आने लगे थे। पहले तो नींद भी नही आती थी। यदि नींद आभी जाती तो बुरे सपनौ से भयभीत होजाती थी।
धीरे धीरे सब कुछ सामान्य होता जारहा था परन्तु आनन्द की कोई खबर नही मिल रही थी जिससे सविता व उसकी बेटी की चिन्ता बढ़ती जारही थी। जब कि आनन्द तो अपनी याददास्त भूल चुका था। वह तो एक मास के लोथडे़ की तरह बैड पर पडाँ हुआ था।
कुछ समय बाद निरंतर इलाज से वह कुछ स्वस्थ तो होगया लेकिन वह यह नही बतासका कि वह कौन है और कहाँ का रहने वाला है उसका नाम तो उसके हाथ पर लिखा हुआ था इसलिए उसको आनन्द नाम से पुकार रहे थे।
सविता ने अपने पति की सभी तरह से खोजने की कोशिश की लेकिन उसकी कोई खबर नही मिल सकी।आखिर में वह यह सोचकर चुप होकर बैठगयी कि उसका पति वाढ़ के साथ कही बह गया लेकिन सविता को विश्वास था कि आनन्द एक दिन घर अवश्य वापिस आयेगा।
अव सविता को केवर अपना व अपनी बेटी रुदाली के पालन पोषण की चिन्ता हो रही थी। पेट की भूख आदमी से बुरा भला सब कुछ करादेती है पेट की भूख आदमी को क्या से क्या बनादेती है भूखा ब्यक्ति रोटी पाने के लिए दुनिया का अच्छा या बुरा कैसा भी काम कर सकता है बस उसके बदले उसकी भूख मिटनी चाहिए।
इस कलयुग में मानव रोटी के लिए कुछ भी करने को तैयार हो सकता है इसी लिए सविता ने सब कुछ छोड़कर अब कोई काम खोजने की प्रक्रिया शुरू की और उसे एक स्कूल मे आया की नौकरी मिल गयी ।
सविता को काम मिलजाने से रुदाली को अपनी पढा़ई को भी चालू रखने का निश्चय किया । रुदाली ने भी इसके लिए कुछ काम करने के लिए सोचा। रुदाली ने बच्चौ का ट्यूशन पढा़ना शुरू किया। इससे उसकी आमन्दनी होगयी और रुदाली ने अपनी पढा़ई चालू रखी।
सविता सब कुछ कर रही थी परन्तु आनन्द की याद आते ही वह उनकी चिन्ता में खोजाती थी। परन्तु इस पेट की भूख शान्ति करने हेतु वह सब कुछ कर रही थी। धीरे धीरे रुदाली भी शादी के योग्य होगयी।
अब सविता की चिन्ता बढ़ना स्वाभाविक थी वह उसकी शादी के लिए वर की खोज कैसे और कहाँ करे। उसको तो कोई एसा रिश्तेदार भी नजर नही आरहा था जो उसकी सहायता कर सके। ऐसे अवसर पर पत्नी को सहायता के लिए पति की याद आनी ही थी।
सविता जिस स्कूल में आया का काम करती थी उसी स्कूल मे एक अध्यापक रमन भी पढाता था। वह अपनी माँ के साथ रहता था। सविता ने सोचा कि रुदाली के लिए यदि इससे बात चलाई जाय तो ठीक रहेगा।
सविता एक दिन उसकी माँ से मिलने उसके घर पहुँच गयी। और जब वह वहाँ पहुची उस समय रमन घर पर ही था। रमन ने जब सविता को अपने घर देखा तो वह सोचने लगा आज यह मेरे घर किस लिए आई है।
" सविता आन्टी आप मेरे घर क्या बात कहो कैसे आना हुआ ? मै आपकी क्या सेवा कर सकता हूँ। " रमन ने सविता को पूछा।
मुझे तुम्हारी मम्मी से कुछ काम था वह कहाँ पर है ? सविता ने रमन को बताया।
रमन ने अपनी मम्मी को आवाज दी और उनको सविता का परिचय कराते हुए बोला," मम्मी यह सविता आन्टी है हमारे स्कूल में ही काम करती है।
उसकी मम्मी ने पूछा," आप चाय लेगी या ठन्डा ? "
सविता ने चाय के लिए मना कर दिया।
सविता उसकी मम्मी से बोली," बहिनजी मुझे आपसे कुछ जरूरी बात करनी थी। "
रमन की मम्मी बोली " बोलो क्या बात करनी है ?"
बहिनजी मेरी एक बेटी है उसका नाम रुदाली है अभी उसने बारहवी की परीक्षा दी है मै उसके शादी के लिए लड़का देख रही हूँ यदि आप रमन के साथ यह रिश्ता करने के लिए तैयार हो तो मै इसके लिए तैयार हूँ।
क्रमशः भाग 5 में
मानसून स्पेशल प्रतियोगिता हेतु रचना।
नरेश शर्मा " पचौरी "
22/07/2022
Mohammed urooj khan
30-Jul-2022 02:18 PM
Nice
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Seema Priyadarshini sahay
24-Jul-2022 04:21 PM
बेहतरीन रचना
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Mithi . S
23-Jul-2022 10:11 PM
Nice 👍
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